लेफ्टिनेंट जनरल जेमी स्पीसर-ब्लैंचेट रॉयल कैनेडियन एयर फ़ोर्स का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं
२१वीं सदी में मनुष्यता के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएँ अब उन सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का अहसास कर रही हैं जिनके बारे में पिछली सदियों कभी सोचा भी नहीं जा सकता था. ऐसा ही एक क्षेत्र रहा है सेना जिसमें एक लम्बे समय तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित था.
२०वीं सदी में जबसे युद्ध के मैदान में एयरफ़ोर्स का आगमन हुआ, महिलाओं ने इसमें शामिल होने के लिए दस्तक देनी शुरू कर दी. गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड के अनुसार वर्ष १९३६ में तुर्की की सबिहा गोकसें युद्धक विमान चालने वाली विश्व की पहली महिला पाइलट थीं. जिन्हें आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफ़ा कमल अता तुर्क ने अडाप्ट करने के साथ ही हवाई उड़ान के क्षेत्र में अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया.
लेकिन भारत ने तुर्की से क़रीब ८० वर्ष बाद अपनी एयर फ़ोर्स में महिला पाइलटों को शामिल किया वे थीं अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह.
लेकिन यहाँ कहानी है एक महिला द्वारा एयर फ़ोर्स की कमान सम्हालने की उसका सर्वोच्च अधिक बनने की. एक जानकारी के अनुसार मेजर जेनरल जीन मार्जरी होम अमेरिका की एयर फ़ोर्स के पहली वन स्टार जेनरल बनीं थी. लेकिन कैनेडा की लेफ़्टिनेंट जनरल जेमी स्पाइज़र ब्लैंचेट विश्व की किसी भी एयर फ़ोर्स की सर्वोच्च अधिकारी बनने वाली पहली महिला बनी हैं.
लेफ़्टिनेंट जनरल जेमी स्पाइज़र ब्लैंचेट ने आज ओटावा में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल जेनी कैरिगनन की अध्यक्षता में आयोजित कमान परिवर्तन समारोह में रॉयल कैनेडियन एयर फ़ोर्स के पूर्व चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल एरिक केनी से कमान संभाली। केनी वायु सेना में साढ़े तीन दशक की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
लेफ़्टिनेंट जनरल जेमी स्पाइज़र ब्लैंचेट ने पहले ग्रिफ़ॉन हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में और बाद विभिन्न कमांड भूमिकाओं में तथा हाल ही में वायु सेना के उप कमांडर के रूप में, सेवा की है।
जेमी स्पाइज़र ब्लैंचेट की तैनाती मेंहैती और बोस्निया में संयुक्त राष्ट्र और नाटो शांति सेना के दौरे में हुई थी , साथ ही वे जंगल की आग और बाढ़ जैसी आपात स्थितियों के जवाब में घरेलू तैनाती में भी शामिल थी।
याद रहे कि जेमी स्पाइज़र ब्लैंचेट, कैनेडा के क्यूबेक प्रांत से हैं और अब आरसीएएफ की 22वीं कमांडर हैं।