तरनतारन उपचुनाव में उतरेगी ‘वारिस पंजाब दे’, पहले न लड़ने का फैसला लिया था, सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी का ऐलान
तरनतारन इसी लोकसभा सीट के अंदर आता है इसलिए यह फैसला लिया गया है
संगठन पहली बार किसी विधानसभा सीट से आधिकारिक रूप से चुनाव लड़ेगा
सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय पार्टी अब राजनीतिक रूप से भी मजबूत होती दिख रही
चंडीगढ़ :
खडूर साहिब से सांसद और विवादित खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे ने तरनतारन उपचुनाव में किस्मत आजमाने का ऐलान किया है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि क्योंकि खडूर साहिब से अमृतपाल ने जीत हासिल की थी और तरनतारन इसी लोकसभा सीट के अंदर आता है। इसलिए यह फैसला लिया गया है। पार्टी के प्रवक्ताओं ने पुष्टि की है कि संगठन पहली बार किसी विधानसभा सीट से आधिकारिक रूप से चुनाव लड़ेगा। उनकी पार्टी ‘वारिस पंजाब दे’ पहले सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय थी, लेकिन अब राजनीतिक रूप से भी मजबूत होती दिख रही है।
पहले उपचुनाव ना लड़ने का फैसला किया था
उन्होंने बताया कि अकाली दल वारिस पंजाब दे ने पहले उपचुनाव ना लड़ने का फैसला किया था। बीते जितने भी उपचुनाव हुए, किसी में भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। लेकिन, ये सीट खडूर साहिब के अंतर्गत आती है, जहां से अमृतपाल सिंह खुद सांसद हैं। अमृतपाल सिंह लंबे समय से खालिस्तान समर्थक बयानों और गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहे हैं। पार्टी ने यह फैसला जनता से मिले समर्थन और संगठन के विस्तार को ध्यान में रखते हुए लिया है।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तेज हुई चर्चाएं
अमृतपाल के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी को लेकर कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब तरनतारन उपचुनाव लड़ने के फैसले को पंजाब की सियासत में कट्टरपंथी सोच और अलगाववादी राजनीति के बढ़ते असर के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियाँ – आप, कांग्रेस और शिअद – इस फैसले पर नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ भी इस नई राजनीतिक सक्रियता को गंभीरता से ले रही हैं। प्रत्याशी के नाम की घोषणा अगले दिनों में की जाएगी।