Punjab Education Department took a big

पंजाब शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा और पारदर्शिता बढ़ाने वाला निर्णय, सरकारी स्कूलों का फंड से पहले होगा तीन-स्तरीय वैरिफिके

Written by:

Nischal Nayyar

Last Updated: July 13 2025 01:57:55 PM

पंजाब शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा और पारदर्शिता बढ़ाने वाला निर्णय सरकारी स्कूलों का फंड से पहले होगा तीन-स्तरीय वैरिफिके

पंजाब शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा और पारदर्शिता बढ़ाने वाला निर्णय, सरकारी स्कूलों का फंड से पहले होगा तीन-स्तरीय वैरिफिकेशन

अब किसी भी स्कूल को फंड प्राप्त करने से पहले बहु-स्तरीय वैरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होगा

इस पहल का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि फंड का उपयोग वास्तविक जरूरतों और निष्पक्षता के साथ हो

प्रत्येक स्कूल को आवश्यकताओं की रिपोर्ट प्रामाणिक दस्तावेजों, तसवीरों और प्रस्तावों के साथ रखनी होगी

चंडीगढ़ :

पंजाब के सरकारी स्कूलों में विकास कार्यों के लिए जारी की जाने वाली कैपिटल ग्रांट्स को लेकर शिक्षा विभाग ने एक बड़ा और पारदर्शिता बढ़ाने वाला निर्णय लिया है। अब किसी भी स्कूल को फंड प्राप्त करने से पहले बहु-स्तरीय वैरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होगा। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फंड का उपयोग वास्तविक जरूरतों और निष्पक्षता के साथ हो। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्कूलों की ओर से की गई किसी भी प्रकार की निर्माण, मरम्मत, लैब स्थापना या अन्य विकास कार्यों की मांग उचित सत्यापन और दस्तावेजों के साथ ही राज्य मुख्यालय तक पहुंचे।

वैरिफिकेशन प्रक्रिया इस प्रकार होगी

प्राथमिक स्कूलों के लिए :

क्लस्टर स्तर : क्लस्टर हेड टीचर (CHT) अपने अधीन सभी स्कूलों का निरीक्षण कर प्रमाण पत्र देंगे।

ब्लॉक स्तर : ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन ऑफिसर (BPEO) द्वारा क्लस्टरों से मिली जानकारी का सत्यापन कर सर्टिफिकेशन किया जाएगा।

जिला स्तर : जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें डिप्टी डीईओ, एसी स्मार्ट स्कूल, बिल्डिंग ब्रांच के प्रतिनिधि और जेई (सिविल वर्क्स) शामिल होंगे। यह समिति अंतिम सत्यापन के बाद रिपोर्ट राज्य स्तर को भेजेगी।

अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए :

क्लस्टर स्तर : संबंधित कॉम्प्लेक्स हेड या डीडीओ स्कूलों की वैरिफिकेशन कर सर्टिफिकेट देंगे।

ब्लॉक स्तर : ब्लॉक नोडल ऑफिसर (BNO) को जानकारी का परीक्षण कर प्रमाणीकरण करना होगा।

जिला स्तर : जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित होगी जो राज्य को भेजे जाने वाले डाटा की अंतिम जांच करेगी।

फंड वितरण में पारदर्शिता और न्यायसंगता

पिछले वर्षों में कई बार ऐसे मामले सामने आए जब कुछ स्कूलों को उनकी आवश्यकता से अधिक ग्रांट जारी कर दी गई, जबकि अन्य जरूरतमंद स्कूल वंचित रह गए। शिक्षा विभाग की इस नई प्रणाली से अब यह सुनिश्चित होगा कि सही स्कूल तक, सही समय पर, सही सहायता पहुंचे। प्रत्येक स्कूल को अपनी आवश्यकताओं की रिपोर्ट प्रामाणिक दस्तावेजों, तसवीरों और प्रस्तावों के साथ प्रस्तुत करनी होगी। बिना सत्यापन के भेजी गई किसी भी रिपोर्ट पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सरकारी संसाधनों के उचित उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम माना जा रहा है।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य है –

फंड के दुरुपयोग को रोकना

विकास कार्यों में पारदर्शिता लाना

शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देना

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