“सिर्फ सुरक्षा नहीं, अधिकार चाहिए – पंजाब का अपना डैम सेफ्टी एक्ट ही जल संकट का स्थायी समाधान”: परगट सिंह
• विधानसभा में आज पारित प्रस्ताव केवल सुरक्षा तक सीमित है, जल बंटवारे और अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं: परगट सिंह
• परगट सिंह की मांग: पंजाब को जल्द से जल्द अपना डैम सेफ्टी एक्ट लाना चाहिए
• साथ ही, पंजाब पुनर्गठन अधिनियम की धाराओं 78, 79 और 80 को कानूनी रूप से चुनौती देनी चाहिए
जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने आज पंजाब विधानसभा में डैमों की सुरक्षा के लिए CISF से चार्ज लेकर पंजाब पुलिस को सौंपने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव केवल “सुरक्षा तैनाती” का मामला है, न कि पंजाब के जल अधिकारों की रक्षा का।
परगट सिंह ने कहा कि CISF हो या पंजाब पुलिस, वे सिर्फ सुरक्षा कर्मी हैं। वे यह तय नहीं कर सकते कि पानी किसका है। अगर हम पंजाब के हक बचाना चाहते हैं तो तैनाती नहीं, कानूनी ताकत चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव सरकार की उस कहानी को झूठा साबित करता है, जिसमें दावा किया गया कि यह कदम जल विवाद को सुलझा देगा।
उन्होंने कहा कि “यह प्रस्ताव सिर्फ सतही समाधान है। पंजाब को चाहिए कि वह अपना डैम सेफ्टी एक्ट लाए, ताकि केंद्र सरकार के दखल का कानूनी रूप से विरोध किया जा सके,”
उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री पहले ही पिछली विधानसभा में यह स्वीकार कर चुके हैं कि राज्य अपना कानून लाएगा, और अब समय आ गया है कि उसे लागू किया जाए।
साथ ही, परगट सिंह ने कहा कि यदि पंजाब को इस मुद्दे पर मजबूत कानूनी स्थिति बनानी है, तो उसे पंजाब पुनर्गठन अधिनियम की धाराएं 78, 79 और 80 को चुनौती देनी होगी। “जब तक हम इन संवैधानिक खामियों को नहीं चुनौती देंगे, तब तक ऐसे प्रस्ताव सिर्फ दिखावा रहेंगे,”
उन्होंने यह भी बताया कि जून 2023 में सरकार ने एक राज्य स्तरीय डैम सेफ्टी कमेटी का गठन किया था, लेकिन उसके बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
परगट सिंह ने कहा। कि बिना कानून के, कमेटियां सिर्फ औपचारिकता हैं। हमें ठोस कानूनी आधार चाहिए ताकि भविष्य में पंजाब के हक को न्यायिक तौर पर प्रस्तुत किया जा सके।
हरियाणा के साथ हालिया बैठक पर टिप्पणी:
परगट सिंह ने हाल ही में केंद्र सरकार की मध्यस्थता में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक को निरर्थक बताया।
“इंडस वाटर ट्रीटी पहले ही सस्पेंड हो चुकी है। अब जल बंटवारा कभी इधर जाएगा, कभी उधर। यह सिर्फ मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं। केवल पंजाब का अपना कानून ही हमें कानूनी ताकत देगा।”
लैंड पूलिंग पर परगट सिंह का हमला:
मीडिया से बात करते हुए परगट सिंह ने एक बार फिर लैंड पूलिंग नीति को लेकर आप सरकार और दिल्ली के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के नेता पंजाब के किसानों की 50,000 एकड़ जमीन पर नजर गड़ाए हुए हैं ताकि अपने चुनावों के लिए पैसा इकट्ठा कर सकें। पंजाब में इस नीति की कोई मांग नहीं है। हमने जालंधर से विरोध की शुरुआत कर दी है और पूरे पंजाब में इसे लेकर जनजागरण करेंगे।”
बेअदबी के मामलों पर सवाल:
परगट सिंह ने बेअदबी मामलों में सरकार की निष्क्रियता को लेकर भी हमला बोला:
“साढ़े तीन साल में एक भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। सारे केस दूसरे राज्यों को ट्रांसफर कर दिए गए। मौर ब्लास्ट केस पर कोई बात नहीं। पोस्टर बॉय बनकर आए नेता 24 घंटे में भी इंसाफ नहीं दिला सके।”
जारीकर्ता:
कार्यालय, श्री परगट सिंह
विधायक, जालंधर कैंट